۲ آذر ۱۴۰۳ |۲۰ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 22, 2024
ऊ. पी

हौज़ा/ उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के कर्मचारियों को पिछले 37 महीनों से राज्य सरकार द्वारा उनके वेतन से महरूम रखा है,जिससे कर्मचारियों को निजी खर्च सहित घर के खर्चे को पूरा करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के कर्मचारियों को पिछले 37 महीनों से राज्य सरकार द्वारा उनके वेतन से महरूम रखा है,जिससे कर्मचारियों को निजी खर्च सहित घर के खर्चे को पूरा करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

वक्फ बोर्ड के कर्मचारियों ने स्थानीय मीडिया से बात करते हुए अपनी चिंता व्यक्त की। इनमें से कुछ ऐसे कर्मचारी भी हैं,ऐसे कर्मचारी भी हैं जो अपने घरेलू खर्चों को पूरा करने के लिए रिक्शा चलाने को मजबूर हैं

शिया वक्फ बोर्ड शियों कि संपत्तियों को पंजीकृत करता है।जैसे, इमामबाड़ा, कब्रिस्तान, मकबरे, इमामबारगाह और मस्जिदों सहित अन्य संपत्ति भी शामिल है।इनमें से कुछ जगहों से बोर्ड की आय भी होती है, लेकिन वह आय इतनी कम है कि वह बोर्ड के कर्मचारियों के वेतन को भी कवर नहीं कर सकता है।
उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के कर्मचारी हसन रजा कहते हैं,पिछले 37 महीनों से वेतन नहीं मिलने से सभी कर्मचारियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. घर के खर्च के लिए रिश्तेदारों से कर्ज लेकर पूरे होते थे लेकिन अब लोग कर्ज़ देने से भी कतरा रहे हैं।
हसन का कहना है कि हमने अपने स्तर पर कई बार मुख्यमंत्री कार्यालय को पत्र भेजे हैं लेकिन कोई जवाब नहीं आया,
शिया वक्फ बोर्ड के कर्मचारी मुन्तज़िर महिंदी ने कहा कि अगर अधिकारी इस पर ध्यान दें!
तो संभव है कि ज़ल्द ही इस समस्या का समाधान हो जाएगा.
चौथे दर्जे के एक कर्मचारी ने कहा कि वेतन न मिलने के कारण उन्हें गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। दिन में काम करें, तो रात में रिक्शा चला कर अपना खर्च पूरा करना पड़ता है।

यूपी शिया वक्फ बोर्ड के कर्मचारी हसन रज़ा का कहना है कि पिछली सरकारों ने कभी-कभी कर्मचारियों को वेतन देती थी
और कई राज्यों में राज्य सरकार अधिनियम के तहत कर्मचारियों को वेतन दे रही है, लेकिन वर्तमान सरकार कर्मचारियों को भुगतान करने में विफल हो रही है।

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